कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दलहन वर्ष के उपलक्ष्य में कार्यक्रम को आज सम्बोधित किया। श्री सिंह कहा कि भारत सरकार ने इस वर्ष के आम बजट में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत दलहनी फसलों की उत्पादकता तथा उत्पादन बढ़ाने हेतु 500 करोड़ रू. के बजट का प्रावधान रखा है जिससे देश में दलहन सुरक्षा की ओर हम कई कदम आगे बढ़ेंगे। दालों के उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों की उपलब्धता बढ़ाने हेतु राष्ट्र में बीज हब का निर्माण किया जा रहा है। आने वाले समय में उच्य गुणवत्ता वाला बीज दलहन उत्पादन में क्रांति लाएगा।
श्री सिंह कहा कि दलहनी फसलों में क्षमता के अनुरूप (1.2 से 2.0 टन) उत्पादन न मिल पाने के बाधक कारकों में दलहन उत्पादन क्षेत्रों में व्याप्त जैविकएवं अजैविक कारक तथा सामाजिक एंव आर्थिक कारण प्रमुख हैं। जैविक कारकों में मुख्य रूप से रोगों एंव कीटों की बहुतायात इन फसलों की उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। अजैविक कारकों में मुख्य रूप से फसल पकते समय सूखे की स्थिति एवं उच्च तापमान, पौधा वृद्धि के समय तथा फूल आने के समय शीत के प्रति अतिसंवेदनशीलता और मृदा की लवणता एवं क्षारीयता प्रमुख हैं। इन सभी कारणों से दलहनी फसलों में उत्पादन कम होता है और उत्पादकता स्थिर नहीं रहती है। फलतः दलहनी फसलों को निम्न उत्पादकता युक्त तथा जोखिम भरी फसलों के रूप में देखा जाता रहा हैं।