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महिलाएं कृषि में बहुआयामी भूमिकाएं निभाती हैं।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि सरकार की विभिन्न नीतियों जैसे जैविक खेती, स्वरोजगार योजना, भारतीय कौशल विकास योजना, इत्यादि में महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है और यदि महिलाओं को अच्छा अवसर तथा सुविधा मिले तो वे देश की कृषि को द्वितीय हरित क्रांति की तरफ ले जाने के साथ देश के विकास का परिदृष्य भी बदल सकती हैं।

कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने के लिए तथा उनकी जमीन, ऋण और अन्य सुविधाओं तक पहुँच को बढ़ाने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों के लिए बनी राष्ट्रीय कृषि नीति में उन्हें घरेलू और कृषि भूमि दोनों पर संयुक्त पट्टे देने जैसे नीतिगत प्रावधान किए हैं।

कृषि में महिलाओं की अहम भागीदारी को ध्यान में रखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 1996 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिशद के अंतर्गत केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान की स्थापना भुवनेष्वर में की । यह संस्थान कृषि में महिलाओं से जुड़े विभिन्न आयामों पर कार्य करता है । इसके अलावा भारतीय कृशि अनुसंधान परिषद के 100 से अधिक संस्थानों ने कई तकनीकियों का सृजन किया ताकि महिलाओं की कठिनाईयों को कम कर उनका सशक्तिकरण हो।

देश में 680 कृषि विज्ञान केन्द्र हैं । हर कृषि विज्ञान केन्द्र में एक महिला वस्तु विषेशज्ञ (गृह विज्ञान) है। वर्ष 2016-17 में महिलाओं से संबंधित 21 तकनीकियां का मूल्यांकन किया गया और 2.56 लाख महिलाओं को कृषि संबंधित क्षेत्रों जैसे सिलाई, उत्पाद बनाना, वेल्यू एडिशन, ग्रामीण हस्तकला, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, पोल्ट्री, मछली पालन, आदि का प्रशिक्षण दिया गया।

इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रमुख योजनाओं/कार्यक्रमों और विकास संबंधी गतिविधियों के अंतर्गत महिलाओं के लिए कम से कम 30% धनराशि का आबंटन सुनिश्चित किया है। साथ ही विभिन्न लाभार्थी-उन्मुखी कार्यक्रमों/योजनाओं और मिशनों के घटकों का लाभ महिलाओं तक पहुचाने के लिए महिला समर्थित गतिविधियां शुरु करना; तथा महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन पर ध्यान केंद्रित करना ताकि क्षमता निर्माण जैसी गतिविधियों के माध्यम से उन्हें माइक्रो क्रेडिट से जोडा जा सके और सूचनाओं तक उनकी पहुंच बढ़ सके एवं साथ ही विभिन्न स्तरों पर निर्णय लेने निकायों में उनका प्रतिनिधित्व हो। इसके अलावा कृषि मंत्रालय द्वारा कई प्रो वीमेन या महिला समर्थित कदम भी लिए गए है जो काफी महत्वपूर्ण हैं।



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