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महिलाओं को कृषि की मुख्यधारा में लाने के लिए, विभिन्न प्रमुख योजनाओं / कार्यक्रमों के तहत महिलाओं को 30 प्रतिशत से अधिक धनराशि आवंटित किया गया है

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि सरकार की कोशिश है कि कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर उनको सशक्त करने के लिए सरकार प्रतिब्द्ध है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कृषि मुख्यधारा में लाने के लिए, सरकार ने विभिन्न प्रमुख योजनाओं / कार्यक्रमों और विकास संबंधी गतिविधियों के तहत महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत से अधिक धन राशि आवंटित की है। साथ ही, महिलाओं के लिए विभिन्न लाभ-उन्मुख कार्यक्रमों / योजनाओं और मिशनों के जरिए लाभ पहुँचाने के लिए महिला आधारित कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।


मंत्री जी ने कहा कि एटीएमए योजना के तहत राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर निर्णय लेने वाली निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है। इसके साथ ही, महिलाओं तक पहुंचने वाले लाभों के आंकड़ों को बनाए रखने के लिए रिपोर्टों में भी बदलाव किए गए हैं। महिला किसानों के लिए निश्चित सहायता के आदर्श को दर्शाने वाली एक पुस्तक भी प्रकाशित की जा रही है। राष्ट्रीय लिंग संसाधन केंद्र के जरिए कृषि में पुरुषों की मानसिकता और व्यवहार में बदलाव लाने के लिए एक महिला संवेदीकरण मॉड्यूल विकसित किया है। 2014 में संशोधित एटीएमए योजना के तहत प्रतिबद्ध विस्तार कर्मियों की टीम में, हर राज्य में एक महिला समन्वयक की नियुक्ति भी की गई थी।


मंत्री ने बताया कि घरेलू और घरेलू स्तर पर महिला किसानों के खाद्य सुरक्षा समूहों का समर्थन करने के लिए, संशोधित एटीएमए योजना 2014-15 के तहत 2 समूहों / प्रति ब्लॉक और प्रति वर्ष 10,000 रुपये प्रति समूह की वित्तीय सहायता दी जा रही है। इन प्रयासों के अलावा, सहकारिता के क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक उत्थान में उनकी (महिलाओं) भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला विकास गतिविधियों पर विशेष बल दिया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा राज्य सहकारी समितियों के माध्यम से महिलाओं के नियमित सहकारी शिक्षा कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, 2017-18 के दौरान सहकारी समितियों के क्षेत्र में 31.47 लाख महिलाएँ एनसीयूआई से प्रशिक्षण प्राप्त कर लाभान्वित भी हुई हैं। इसी प्रकार, क्रमशः केवीके और कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से 6.07 लाख और 7000 महिलाओं को लाभ हुआ है। 2017-18 में कुल 8.62 लाख महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।


श्री सिंह ने बताया कि कृषि में महिलाओं की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला किसान सशक्तिकरण परियोजनाओं ने 22 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 82 परियोजनाओं के माध्यम से 34 लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित किया है। इसके अलावा, देश भर में स्थापित 668 केवीके में एक महिला वैज्ञानिक की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, 2016 में यह निर्णय लिया गया कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को "राष्ट्रीय महिला दिवस" के रूप में मनाया जाएगा।


मंत्री ने आगे कहा कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने एवं भूमि, ऋण और अन्य सुविधाओं तक उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों के लिए राष्ट्रीय कृषि नीति में घरेलू और कृषि भूमि-दोनों को संयुक्त पट्टे पर देने जैसे कई बदलाव किए हैं । इसके साथ-साथ, किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने, फसल-पशुधन प्रथाओं, कृषि-प्रसंस्करण आदि के माध्यम से आजीविका के अवसर प्रदान करने जैसे बदलाव भी कृषि नीति का हिस्सा हैं।




Source: http://pib.nic.in



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