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भारत सरकार ने “राष्ट्रीय गोकुल मिशन” शुरू किया है ।

श्री राधा मोहन सिंह ने मोतिहारी में आयोजित पशु आरोग्य मेला को सम्बोधित किया। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में कुल दूध उत्पादन वर्ष 2015-16 में 8.29 मिलियन मीट्रिक टन था जो पूरे देश का 5.33% है। बिहार में देश के कुल पशु का 6.67% है। अतः बिहार में दूध उत्पादन एवं दूध उत्पादकता बढ़ाने की आवश्यकता है।

श्री सिंह ने कहा कि बिहार में कोंफेड/सुधा दुग्ध संग्रह, प्रसंस्करण, एवं विपणन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारत में गोपशु पालन एक पारम्परिक आजीविका अर्जन का विकल्प रहा है और इसका कृषि अर्थ व्यवस्था से गहरा संबंध है। देश में वर्तमान में 19 करोड़ गोपशु हैं जो विश्व के कुल गोपशु का 14% हैं। इनमें से, 15.1 करोड़ देशी गोपशु हैं जो कुल गोपशु का 80% हैं।

देश की डेयरी सहकारिताएं किसानों को औसत रूप से अपनी बिक्री का 75 से 80 प्रतिशत प्रदान करती हैं। बिहार मे कोंफेड या सुधा, सहकारी मंडलियों के माध्यम से किसानो को दूध का उचित मूल्य प्रदान कर रहा है। इस क्षेत्र में 15 मिलियन पुरूषों की तुलना में 75 मिलियन महिलाएं कार्यरत हैं।

बछोर, बिहार की देशी गोपशु नस्ल है। प्रदेश मे बछोर नस्ल के गोपशुओं की संख्या 6.73 लाख है जिसमें से 2.99 लाख प्रजनन योग्य पशु हैं। भारत सरकार ने “राष्ट्रीय गोकुल मिशन” नामक कार्यक्रम संगठित तथा वैज्ञानिक ढंग से स्वदेशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन के उदेश्य से देश मे पहली बार शुरू किया है । योजना के अंतर्गत अब तक 27 राज्यों से आए प्रस्तावों को 1077 करोड़ रुपये की राशि के साथ स्वीकृत किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 499.08 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।

बिहार को ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन' के तहत 67 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गयी है। योजना के कार्यान्वायन के लिए अब तक 22.5 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। इस योजना के कार्यान्वयन से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन एवं उत्पादकता मे वृद्धि होगी। इस के तहत कृत्रिम गर्भाधान को किसान के घर द्वार तक पहुंचाने के लिए 1250 मैत्री (MAITRI) केन्द्रों को भी स्थापित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के ही अंतर्गत गोकुल ग्राम स्थापित करना अन्य घटकों के साथ शामिल है। एक गोकुल ग्राम बिहार के बक्सर जिले में स्थापित किया जाएगा। गोकुल ग्राम, 500 उच्च आनुवांशिक गुणों वाले पशुओं के लिए होगा इनमें से 300 प्रजनन योग्य पशु होंगे। इस गोकुल ग्राम पर बछोर के साथ साथ लाल सिंधी, साहिवाल एवं गिर नस्लों के पशुओं को भी रखा जाएगा।

Source: http://pib.nic.in



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