केवीके योजना को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि शोध एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) के तहत शत-प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण के जरिए संचालित किया जा रहा है।
31 मार्च 2017 तक 669 केवीके की स्थापना की गई है, जो जिला स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्रों के रूप में काम कर रहे हैं और जिन्हें प्रौद्योगिकी के आकलन और इसके विभिन्न अनुप्रयोगों एवं क्षमता विकास को प्रदर्शित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
केवीके की गतिविधियों में प्रौद्योगिकियों का खेतों में परीक्षण एवं प्रदर्शन करना, किसानों एवं विस्तार कर्मियों का क्षमता विकास करना, कृषि प्रौद्योगिकियों के एक ज्ञान एवं अनुसंधान केन्द्र के रूप में कार्य करना और किसानों के हित वाले विभिन्न विषयों पर आईसीटी तथा अन्य मीडिया साधनों का उपयोग कर कृषि परामर्श जारी करना शामिल हैं।
इसके अलावा, केवीके गुणवत्तापूर्ण प्रौद्योगिकी उत्पादों (बीज, रोपण सामग्री, बॉयो–एजेंट, पशुधन) का उत्पादन करते हैं एवं इन्हें किसानों को उपलब्ध कराते हैं, विस्तार गतिविधियां आयोजित करते हैं, चयनित कृषि नवाचारों की पहचान करने के साथ साथ उनका प्रलेखन करते हैं और पहले से ही जारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ सामंजस्य सुनिश्चित करते हैं।