केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि सरकार, भारतीय अर्थव्यवस्था के सतत् विकास के लिए प्रतिबद्ध एवं क्रियाशील है। कृषि जगत से संबंधित उद्यमों का विकास कर, जिसमें उत्पादों का भण्डारण तथा उसका प्रसंस्करण कर बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों को लाकर भारत को दुनिया के प्रमुख आर्थिक शक्तियों वाले देश में शामिल कर सकते हैं। कृषि मंत्री ने यह बात श्रीनगर में किसानों को सम्बोधित करते हुए कही।
श्री सिंह ने कहा कि प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी, कृषि की अहम भूमिका और इसके अर्थव्यवस्था में योगदान से भलीभांति परिचित हैं। अत: उन्होंने किसानों की भलाई हेतु बहुत सारी योजनाओं का सृजन एवं शुभारम्भ किया है।
पिछले 03 वर्षों में जिन नई योजनाओं की शुरूआत की गई उसमें, स्वॉयल हेल्थ कार्ड, सिंचाई सुविधाओं में विस्तार, जैविक खेती, राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम), बागवानी विकास, कृषि वानिकी, मधुमक्खी पालन, दूध, मछली और अंडा उत्पादन के साथ-साथ कृषि शिक्षा आदि क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर शामिल किया गया है।
सरकार ने पिछले 3 वर्षों में कारगर रणनीतियों को अपनाकर कृषि उपज एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए 5 प्रमुख विषयों पर कार्य किया हैं।
1. नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन करना,
2. जैविक खेती को बढ़ावा देकर कृषि उत्पादन लागत को कम किया है। सरकार ने डीएपी की 2,500 रुपये और एमओपी की 5,000 रुपये प्रति टन मूल्य घटा दिया है। 3 दिन पहले ही, दिनांक 01 जुलाई, 2017 को उर्वरकों पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया जिससे इनके मूल्यों में भारी गिरावट आएगी।
3. उत्पादन बढ़ाने हेतु मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत हर खेत को पानी और परम्परगत कृषि विकास योजनाओं को लागू कर उत्पादन लागत को कम करना है।
4. किसानों को देशव्यापी एवं पारदर्शी बाजार उपलब्ध कराने हेतु सरकार ने ई-नाम की शुरूआत कर दी है।
5. इसी तरह पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, बागवानी, कृषि वानिकी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, 'हर मेड़ पर पेड़' पर सरकार ने कई सारे कार्यक्रमों की शुरूआत की।
Source: http://pib.nic.in/