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राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) के इस्तेमाल को आसान बनाने के लिए इसकी छह नयी विशेषताओं का शुभारंभ किया गया

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफार्म के इस्तेमाल को और अधिक आसान बनाने के लिए इसकी 6 नई विशेषताओं का आज शुभारंभ किया। 1) ई-नाम मोबाइल एप 2) भीम एप से भुगतान सुविधा 3) ई-लर्निंग माड्यूल सहित नवीन और समुन्नत वेबसाइट 4) एमआईएस डैशबोर्ड 5) मंडी सचिवों के लिए शिकायत निवारण प्रबंधन प्रणाली 6) किसान डेटाबेस का एकीकरण

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे। ई-नाम योजना भारत सरकार की प्रमुख और महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है, जिसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किसानों को उनकी उपज का ऑन-लाइन प्रतिस्पर्धात्मक बोली द्वारा बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से क्रियान्वित किया गया है।

श्री सिंह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का यह सपना है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जाए और किसानों को विकास की मुख्यधारा का हिस्सा बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ई-नाम का मुख्य उद्देश्य अधिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करते हुए किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाना है। किसानों के लिए कृषि वस्तु्ओं के विपणन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम) की परिकल्पना की गई थी और 14 अप्रैल, 2016 को इसे 21 मंडियों में शुरू किया गया था। अब तक 14 राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश की 479 मंडिया इससे जुड़ चुकी हैं ।

ई-नाम वेबसाइट अब आठ स्थानीय भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगु, बंगाली और ओडिया) में उपलब्ध है तथा इस पर लाइव ट्रेडिंग सुविधा भी छह भाषाओं (हिंदी,अंग्रेजी, बंगाली, गुजराती, मराठी और तेलुगु) में उपलब्ध कराई गई है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि मंत्रालय अब ई-नाम पोर्टल को नई और यूजर फ्रेंडली सुविधाओं जैसे कि बेहतर विश्लेषण के लिए एमआईएस डैशबोर्ड, व्यापारियों को भीम एप द्वारा भुगतान की सुविधा, व्यापारियों को मोबाइल भुगतान की सुविधा, मोबाइल एप पर विस्तृ्त सुविधाएं जैसे कि गेट एंट्री और मोबाइल के जरिए पेमेंट, किसानों के डाटाबेस का एकीकरण, ई-नाम बेवसाइट में ई-लर्निंग मॉड्यूल आदि से लैस करते हुए और अधिक सुदृढ़ बना रहा है ।

Source: http://pib.nic.in



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