शकेन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याणा मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि भारतीय कृषि ने खाद्यान्न, फलों, सब्जियों, दूध और मछली उत्पादन में तेजी से प्रगति की है। कृषि मंत्री ने यह बात गुरुग्राम, हरियाणा में कृषि विभाग, हरियाणा द्वारा आयोजित शहरी क्षेत्र में कृषि से संबंधित राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय कार्यशाला में कही। कृषि मंत्री ने आगे कहा कि देश में कृषि उत्पादन में हुए अभूतपूर्व विकास को पूरा विश्व एक मजबूत उदाहरण की तरह देख रहा है और हमसे सीख कर अपने यहां अपनाने की कोशिश कर रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि शहरी कृषि के जरिए शहरी आबादी के लिए खाद्य संसाधनों का विविधिकरण करके उसे जलवायु परिवर्तन के अनुकूल किया जा सकता है। गत वर्षों के दौरान तेजी से शहरीकरण होने के कारण इन क्षेत्रों में सब्जियां, फलों और फूलों की मांग निरंतर बढ़ रही है। शहरी कृषि से महत्वपूर्ण स्थानीय खाद्यान्न उत्पादन केन्द्र वाली विविधकृत खाद्यान्न प्रणाली के विकास से मूल्य स्थिरिकरण में सहायता होगी। इससे परिवहन पर बोझ कम होगा, और ताजे उत्पादों के शीत भंडार गृहों वाली ग्रीन हाउस गैस को कम करने में मदद मिलेगी।
श्री सिंह ने कहा कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन(एम आई डी एच) ने सब्जी बीज उत्पादन कार्य को सहायता देकर, संरक्षित कृषि, सब्जी, जैविक कृषि और सारगर्भित मंडी व्यवस्था करके उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने, फसलोपरांत प्रबंधन और सब्जी विपणन कार्य में सहायता की है। कृषि मंत्री ने बताया कि मधुक्रांति पर भी मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है। नेशनल बी बोर्ड को पिछले तीन साल में 205 फीसदी ज्यादा वित्तीय सहायता दी गई। मधुमक्खी कॉलोनियों की संख्या 20 लाख से बढ़कर 30 लाख हो गई। शहद उत्पादन में 20.54 फीसदी की वृद्धि है। राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन व शहद मिशन की केंद्र पोषित योजना भी तैयार की जा रही है।