4 नवंबर, 2017 को नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड् फूड इंडिया, 2017 के अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि “वर्ल्ड फूड इंडिया” एक अनोखा प्लेटफार्म है जिसमें विश्व के 60 देशों से आये प्रतिनिधि भारत के इस प्रगति को अपनी आंखों से देखकर ना केवल समझ सकेंगे बल्कि उसका आकलन भी कर करेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश की समग्र कृषि प्रगति पर विशेष बल दिया गया है। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई नैम), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रमुख हैं। सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई का कदम उठाया है।
श्री सिंह ने बताया कि समेकित बागवानी विकास मिशन & बागवानी के विकास के लिए सरकार, समेकित बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) का कार्यान्वयन कर रही है जिसमें विभिन्न शीत श्रृंखला घटक अर्थात पैक हाउस, प्रीकूलिंग, स्टैवगिंग कोल्ड रूम, कोल्ड स्टोररेज/सीए स्टोशर,रिफर ट्रांसपोट, प्राथमिक प्रसंस्करण यूनिटें और रिपेनिंग चैंबर आदि शामिल हैं। इनमें पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में प्रसंस्करण यूनिटें भी शामिल हैं।
एमआईडीएच के तहत 31 मार्च,2017 तक 19.47 मिलियन एमटी की क्षमता के 4392 शीतागारों/सीए स्टोर, 20710 फार्म पैक हाउसों, 411 रिफर ट्रांसपोर्ट, 408 रिपैनिंग चैम्बारों, 4414 प्राथमिक प्रसंस्करण यूनिटों और 101 प्रीकूलिंग यूनिटों की स्थापना की गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि एमआईडीएच के तहत मेगा फूड पार्कों और निर्यात संवर्धन अंचलों के क्षेत्र में प्रसंस्करण किस्मों सहित फलों और सब्जियों के सामूहिक क्षेत्र का विकास करने के लिए राज्य बागवानी मिशन, बागवानी फसलों/फार्म स्तरीय कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहे हैं। वर्ष 2016-17 में बागवानी उत्पाद का निर्यात 5.03 मिलियन एमटी था (ताजे फल और सब्जी-4.16 मिलियन एमटी, प्रसंस्कृत फल एवं सब्जी - 0.88 मिलियन एमटी, पुष्प कृषि- 33725 एमटी) और मूल्य के संदर्भ में 12 प्रतिशत की दर पर बढ़ रहा है।