माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने “समुद्री मात्स्यिकी” विषय पर चर्चा के लिए समुद्र तटीय राज्यों के माननीय मत्स्य-मंत्रियों की बैठक में उन्हें संबोधित किया।
मात्स्यिकी और जलकृषि अवसंरचना विकास निधि की स्थापना के लिए 7,522.48 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान से 40 लाख मछुआरों, विशेषकर महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों, कमजोर वर्गों के लाभान्वित होने की आशा : केन्द्रीय कृषि मंत्री ‘समुद्री मात्स्यिकी पर राष्ट्रीय नीति के प्रभावकारी क्रियान्वयन के लिए केन्द्र और तटीय राज्यों को अवश्य ही आपस में मिलकर काम करना चाहिए, इससे अगले 10 वर्षों के लिए एकीकृत विकास को बढ़ावा मिलेगा’
मछली में भारत की औसत निर्यात दर पिछले एक दशक में 14% की वृद्धि दर के साथ विश्व में सर्वाधिक रही है।
देश में मछली उत्पादन में 2010-14 के मुकाबले 2014-18 में 27% की वृद्धि हुई है।
भारत सरकार ने गहरे-समुद्र में मात्स्यिकी को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है एवं ‘नीली-क्रांति’ के अंतर्गत ‘डीप-सी फिशिंग में सहायता’ नामक एक उप-घटक शामिल किया है।
भारत सरकार ने बजट में मात्स्यिकी और जलकृषि अवसंरचना विकास निधि (एफ. आई. डी. एफ.) की स्थापना के लिए 7,522.48 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया है।
हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श करने के उपरांत कृषि मंत्रालय द्वारा 1 मई, 2017 को देश की नई “राष्ट्रीय समुद्री मात्स्यिकी नीति” अधिसूचित की जा चुकी है।
Source: http://pib.nic.in/