नव वर्ष 2019 की शुरूआत के साथ ही प्रधानमंत्री के प्रमुख कार्यक्रम ई-नाम ने दो विभिन्न राज्यों की मंडियो के बीच अंतर्राज्यीय व्यापार शुरू करके एक और उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले व्यापार या तो एपीएमसी में या उसी राज्य में स्थित दो एपीएमसी के अंदर होता था। टमाटर का पहला अंतर्राज्यीय लेनदेन उत्तर प्रदेश की बरेली ई-नाम एपीएमसी के व्यापारी और उत्तराखंड की हल्द्वानी ई-नाम एपीएमसी के किसान के बीच हुआ था। इसी प्रकार आलू, बैंगन और फूलगोभी में अंतर्राज्यीय लेनदेन उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की ई-नाम मंडियो के बीच हुआ था। सभी मामलों में ई-नाम पोर्टल के माध्यम से ई-भुगतान किया गया है। इससे किसानों को बेहतर बाजार पहुंच, अधिक खरीददार और व्यापारी मिलेंगे तथा उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।
ई-नाम राज्यों के मध्य अंतर्राज्यीय व्यापार में सहायता प्रदान करने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने संबंधित राज्यों और मंडी बोर्ड अधिकारियों/मंडी सचिवों के साथ अनेक समन्वय बैठकों का आयोजन किया। इन लेनदेन के परिणामस्वरूप दोनों राज्यों ने अब ई-नाम पोर्टल पर अंतर्राज्यीय व्यापार के लिए एक दूसरे के व्यापारियों को लाइसेंस देने की सुविधा प्रदान की।
ई-नाम अर्थात राष्ट्रीय कृषि बाजार एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रोनिक व्यापार (ई-ट्रेडिंग) पोर्टल है जो कृषि उत्पादों के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए एक मंच के माध्यम से कृषि मौजूदा वस्तुगत विनियंत्रित थोक बाजार का नेटवर्क बनाना चाहता है। ई-नाम मंच किसानों को अपने उत्पाद प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी मूल्य खोज प्रणाली के माध्यम से बेचने और ऑनलाइन भुगतान सुविधा को बढ़ावा देता है।
किसान आसानी से अपने मोबाइल के माध्यम से कहीं से भी ई-नाम के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अभी तक 16 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों के 585 विनियमित बाजारों को ई-नाम मंच पर एकीकृत किया गया है। सरकार ने मार्च 2020 तक 412 अतिरिक्त बाजारों को एकीकृत करने का निर्णय लिया है। ई-नाम राज्यों के बीच अंतर्राज्यीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ई-नाम मंच पर एक अंतर्राज्यीय डेशबोर्ड भी विकसित किया गया है|
Source: http://pib.nic.in