सरकार ने सही अर्थों में उत्पादन पर फोकस करने के साथ-साथ आय पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने का लक्ष्य तय किया है। यही कारण है कि विभाग इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित करता रहा है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, नीम लेपित यूरिया, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ब्याज सब्सिडी योजना, इत्यादि इन योजनाओं में शामिल हैं।
कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत आवश्यक बजटीय आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2009 से लेकर वर्ष 2014 तक की अवधि के लिए कृषि क्षेत्र हेतु बजट 1,21,082 करोड़ रुपये का था। वहीं, दूसरी ओर वर्ष 2014-2019 की अवधि के लिए बजटीय आवंटन 74.5 प्रतिशत बढ़ाकर 2,11,694 करोड़ रुपये कर दिया गया है। बजटीय संसाधनों के पूरक के तौर पर गैर-बजटीय संसाधन जुटाए गए हैं।
किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने वर्ष 2018-19 के सीजन के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में वृद्धि को अपनी मंजूरी दे दी है।
बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) को क्रियान्वित किया जाता है जो एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना के दायरे में फल, सब्जियां, मशरूम, मसाले, फूल, सुगन्धित पौधे, नारियल, काजू, इत्यादि शामिल हैं।
Source: http://pib.nic.in