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देश के देशी बोवाईन आनुवंशिक संसाधन विकसित हुए हैं

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारत में 30 करोड़ बोवाईन है, जो विश्व की बोवाईन आबादी का 18 प्रतिशत हैं। पारंपरिक तथा वैज्ञानिक ज्ञान के माध्यम से सैकड़ो वषों की मेहनत के बाद देश के देशी बोवाईन आनुवंशिक संसाधन विकसित हुए हैं और आज हमारे पास गोपशुओं की 42 नस्लों के साथ-साथ याक और मिथुन के अलावा भैंसों की 13 नस्लें हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने यह बात नई दिल्ली में पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा सामूहिक भ्रूण अंतरण संबंधी काफी टेबल पुस्तक के विमोचन के मौके पर कही।

श्री राधा मोहन सिंह ने 20वें लाइव स्टॉक सेंसस के लिए डाटा इकट्ठा करने के लिए सॉफ्टवेयर लांच किया। श्री सिंह ने कहा कि 20वें लाइव स्टॉक सेंसस में प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया इनेशियेटिव के हिस्से के रूप में टेबलेट कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। सॉफ्टवेयर में सभी प्रकार के एनालिटिकल रिपोर्ट्स तैयार करने और सेंसस ऑपरेशन के रियल टाइम निगरानी की भी व्यवस्था होगी।

श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अगले पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने में डेयरी क्षेत्र की अहम भूमिका है। इस काम को पूरा करने के लिए पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग ने नेशनल एक्शन प्लॉन ऑन डेयरी डेवलपमेंट तैयार किया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने आज नेशनल एक्शन प्लॉन के आधार पर बने विजन 2022 दस्तावेज को जारी किया। विजन डाक्यूमेंट में डेयरी के विकास की रूपरेखा बनायी गयी है और किसानों की आय दोगुनी करने के उपाय भी सुझाए गये है। विजन डाक्यूमेंट में दूध और दूध के उत्पाद को शुद्ध और सुरक्षित बनाने की भी बात कही गयी है।

श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देशी नस्लों के सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए एक नयी योजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत दिसम्बर २०१४ में की गयी। इसी क्रम में देशी नस्लों के उत्पादन एवं उत्पादकता में तेजी से वृद्धि के लिए राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन की शुरुआत नवम्बर 2016 मे की गयी। देशी नस्लों में तेजी से वृद्धि के लिए पशुपालन, डेयरी एवं मत्य्य पालन विभाग द्वारा कई महत्व पूर्ण सामूहिक कार्यक्रम राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत किये गये।

श्री सिंह ने कहा कि एसतरस सिनक्रोनाइजेसन (estrus synchronization) जो अक्टूबर 2016 को किया गया, प्रमुख है। देश में पहली बार एसतरस सिनक्रोनाइजेसन के जरिये 124000 पशुओं का देशी नस्लों के उच्च गुणवता वाले वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान किया गया। इन सभी पशुओं को UID के द्वारा चिन्हित किया गया तथा इनाफ डाटा बेस पर रजिस्टर भी किया गया। इन देशी गायों का बियाने तक अनुसरण किया गया। राज्यों से आई रिपोर्ट के अनुसार 41353 बछडे-बछडी उत्पन्न हुए। इन बछडे-बछडीयों का अनुसरण भी विभाग द्वारा किया जा रहा है।



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