केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि कृषि लोगों के जीवन और देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जंहा 50 प्रतिशत से अघिक लोग अपनी आजिविका के लिए कृषि पर निभर हैं। देश को विकसित करने के लिए कृषि और किसान, दोनों को विकसित करने की जरूरत है। कृषि मंत्रालय अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल कृषि के विकास के लिए बल्कि किसानों के कल्य़ाण के लिए भी काम करता है। श्री सिंह ने यह बात कृषि भवन, नई दिल्ली में स्टार्ट अप कंपनियों के सीईओ के साथ हुई बैठक में कही।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि देश में कृषि विकास का लक्ष्य है; ‘2012 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करना”। सीमित संसाधनों और जमीन के निश्चित क्षेत्र की उपलब्धता के साथ, यह प्रोदोयोगिकी की सहायता के बिना हासिल नहीं किया जा सकता है, साथ ही इसे कम लागत, किसान के अनुकूल एवं मापनीय होने की जरूरत है।
कृषि मंत्रालय किसानों के हित कई योजनाएं चला रहा है- जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार- (ई – नेम), परंपरागत कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना आदि।
यह सभी योजनाएं किसानों को विभिन्न तरह की सहायता प्रदान कर रही है जैसे मृदा स्वास्थ्य कार्ड। इससे मिटटी के स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी और उर्वरकों की लागत भी कम हो जाएगी। इस कार्यक्रम के लिए लाखों मिट्टी के नमूनो का विशलेषण करना होगा जिसमें अत्यधिक समय और परिश्रम की आवश्यकता है।
मिट्टी के नमूने की जांच के लिए ऐसे तकनीकी की जरूरत है जिसमें कम लागत वाले हाथ से धारित (हैंड डिवाइस) से काम हो जाए, अथार्त इसके लिए मृदा संवेदक या मिट्टी की उर्वरता मूल्यांकन के किसी भी गैर विनाशकारी विधि की जरूरत है। जो कि तकनीक का उपयोग करके मिट्टी के स्वास्थ्य का दूरस्थ रूप से मूल्याकंन कर सकें।
Source: http://pib.nic.in/