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केवीके योजना के जरिए विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत

केवीके विभिन्न जिलों में कृषि क्षेत्र में ज्ञान एवं अनुसंधान केन्द्र के रूप में काम करेंगे और प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं किसानों के सशक्तिकरण के मॉडलों का निर्माण करेंगे जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने संबंधी भारत सरकार की पहल को आवश्यक सहायता सुनिश्चित होगी।

केवीके के तहत उपलब्धियां :
नियमित निर्धारित गतिविधियों के अलावा 12वीं योजना के दौरान केवीके की कुछ उल्लेखनीय गतिविधियों में 97 दाल बीज केन्द्रों की स्थापना करना एवं दालों पर 1,11,150 प्रौद्योगिकी प्रदर्शन आयोजित करना (जिससे वर्ष 2016-17 में दालों का रिकॉर्ड उत्पादन संभव हो पाया), जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से कठिन माने जाने वाले विभिन्न क्षेत्रों में 151 जलवायु स्मार्ट गांवों की स्थापना कर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना एवं इनमें कमी करने संबंधी रणनीतियां क्रियान्वित करना, राज्य सरकारों द्वारा अपनाये जा रहे इच्छित नियुक्ति केंद्र का एक सफल मॉडल विकसित करना, विशेषकर सोयाबीन के रोपण (मध्य प्रदेश में 3 मिलियन हेक्टेयर) के लिए कृषि के संरक्षण एवं शून्य जुताई, लेजर भूमि समतल एवं हैप्पी सीडर (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं बिहार) सहित संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकियों को अपनाने में सुविधा प्रदान करना, मृदा के स्वास्थ्य के बारे में किसानों को शिक्षित करने और मृदा परीक्षण प्रक्रिया में कृषि विद्यार्थियों को शामिल करने के लिए केवीके स्तर पर सामंजस्य प्लेटफॉर्म सृजित करना, ‘मेरा गांव मेरा गौरव’ पहल के तहत अनुसंधान प्रणाली से 13500 गांवों को जोड़ना, ‘कृषि में युवाओं को आकर्षित करना एवं बनाये रखना (आर्य)’ शीर्षक वाले कार्यक्रम के तहत आर्थिक उद्यम शुरू करने के लिए 4400 युवाओं को सशक्त बनाना और ‘फार्मर फर्स्ट परियोजना’ के तहत सहभागितापूर्ण प्रौद्योगिकी अनुपालन प्रक्रिया में 20000 किसान परिवारों को जोड़ना शामिल हैं।

100 केवीके ने कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया है तथा कौशल विकास मंत्रालय के सहयोग से 154 और केवीके को कौशल विकास से जोड़ा गया है। केवीके स्वदेशी ज्ञान और प्रथाओं को भी राष्ट्रीय मुख्य धारा में ला रहे हैं जिनमें राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) के अनुसंधान कार्यक्रमों के तहत जनजातीय क्षेत्रों में उपलब्ध ज्ञान एवं प्रथाएं भी शामिल हैं।

पिछली योजनावधि के दौरान विभिन्न कमजोरियों को दूर करने के लिए विशिष्ट खूबियों एवं क्षमताओं से युक्त 5500 जर्मप्लाज्म परिग्रहण की पहचान की गई और पौध किस्म एवं किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण में इनका पंजीकरण किया गया। इनका उपयोग नई किस्मों के विकास में किया जाएगा।

केवीके सहभागितापूर्ण अवधारणा के तहत जागरूकता पैदा करने में सबसे आगे हैं। 564 केवीके द्वारा हाल ही में आयोजित ‘संकल्प से सिद्धि’ कार्यक्रम में पांच लाख किसानों के साथ 49 केंद्रीय मंत्रियों, 284 सांसदों, राज्य सरकारों के 111 मंत्रियों, 300 विधायकों और बड़ी संख्या में सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शिरकत की थी।



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