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कृषि क्षेत्र के विकास हेतु GrAM के तहत 22 हजार ग्रामीण बाजारों को किया जा रहा है अपग्रेड।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान, पुणे (महाराष्ट्र) के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान सहकारी क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। संस्थान का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रबंधकों की प्रशासनिक दक्षता और उनके निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाना, कृषि क्षेत्र से सम्बद्ध सहकारिताओं के लिए युवाओं को व्यावहारिक अनुसंधान कार्य के माध्यम से किसानों और सहकारी संस्थाओं के लिए नीति निर्धारण हेतु परामर्श प्रदान करना है।

उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भुमिका है। इसी के मद्देनजर मोदी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में नई संस्कृति की स्थापना की गयी है। यही संस्कृति 2022 तक संकल्प से सिद्धी की हमारी यात्रा को पूरा करेगा। कृषि क्षेत्र के विकास हेतु GrAM के तहत देश के 22 हजार ग्रामीण बाजारों को जरूरी बुनियादी सुविधाओं से अपग्रेड करने और इन्हें APMC और e-NAM प्लेटफार्म के साथ जोड़ने का कार्य प्रगति पर है।

श्री सिंह ने बताया कि किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ई-नाम शुरू किया गया। ई-राष्ट्रीय कृषि विपणन (e-NAM)- इसके अंतर्गत 585 बाजारों में 1,86,15,139 मीट्रिक टन कृषि उत्पादों की ट्रेडिंग हुई है। इसके साथ ही अधिसूचित फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में फसल लागत का कम से कम डेढ़ गुना वृद्धि की गई। इसके साथ ही सरकार के ‘हर खेत को पानी’ लक्ष्य के मद्देनजर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत देश भर में लगभग 100 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की जा रही है ।

इन सभी योजनाओं के साथ - साथ कृषि के विकास हेतु बजटीय आवंटन में भारी वृद्धि करने के अलावा सरकार ने डेयरी, कोऑपरेटिव, मछली पालन, पशु पालन, कृषि बाजार, लघु सिंचाई योजना, जल-जीव प्रबंधन के आधारभूत ढांचे एवं व्यवस्था में सुधार हेतु कई सक्षम फंड बनाए हैं। बुआई से पहले किसान भाई उनके खेत की मिट्टी की सेहत जान पाए, इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की गई है। इसके प्रथम चरण में 10,73,89,421 तथा द्वितीय चरण में 6,93,62,166 कार्ड जारी किए गए हैं। सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की है। इसके तहत देश में प्रमाणित स्थानीय क्षेत्रों की संख्या 12,538 है जिसके अंतर्गत कुल 1,98,528 प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं ।

श्री सिंह ने बताया कि वर्तमान कृषि विकास ने देश को आयातक राष्ट्र के बजाय एक निर्यातक राष्ट्र के रूप में स्थापित ही नहीं किया, बल्कि खाद्यान के मामले में आत्म-निर्भरता और पोषण संबंधी सुरक्षा भी दी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहकारिता को भी महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभानी है। स्वर्गीय वैकुंठ भाई मेहता का भी सपना था कि किसानों की समस्याओं का समाधान हो और उनकी स्थिति में सुधार हो जिसके लिए सहकारिता को उन्होंने सुदृढ़ किया। आशा है, आगे भी सहकारिता के माध्यम से सरकार द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई योजनाओं को अपनाते हुए गांवों के किसानों को उन्नतिशील व प्रगतिशील बनाया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि वैमनीकॉम का पी.जी.डी.एम. पाठ्यक्रम कुछ मान्यता प्राप्त कार्यक्रमों में से एक हैI यह पाठ्यक्रम सहकारी गतिविधियों, एफ.पी.ओ. और स्वयं सहायता समूह, वित्तीय गतिविधियों जैसे सामूहिक संगठनों के लिए पेशेवर प्रबंधकों को तैयार करता है। संस्थान प्रतिवर्ष 60 विद्यार्थियों को पेशेवर स्नाकोत्तर की उपाधि प्रदान कर रहा है, जो कि मुख्यरूप से कृषि सम्बद्ध क्षेत्र में अपना योगदान देकर राष्ट्र की सेवा में अपना हाथ बंटा रहे है।

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने वैमनीकॉम संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के छात्रावास का शिलान्यास भी कियाI उन्होंने बताया कि यह छात्रावास शीघ्र बनकर तैयार होगा और इससे संस्थान के प्रशिक्षण कार्यक्रम के राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियो / प्रतिभागियों को ठहरने की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध होगी।

Source: http://pib.nic.in



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