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सरकारी कृषि योजना

सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के लिए आईसोपाम योजना

पक्षेत्र: सम्पूर्ण मध्य प्रदेश योजना का उद्देश्य : योजना अंतर्गत तिलहन एवं मक्का विकास की योजनाये क्रियान्वित की जाती है।
योजना का संक्षिप्त विवरण : तलहन मक्का के अंतर्गत आने वाली फसलों के क्षेत्र, उत्पादन तथा उत्पादकता में वृध्दि करना एवं जिले में अधिक क्षेत्र तथा कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर कार्यक्रम का क्रियांवयन मुख्य रुप से किया जाना योजना का मुख्य उद्देश्य है।
लाभार्थी की पात्रता : लाभार्थी की स्वयं की खेती हो तथा लाभार्थी दलहन एवं तिलहन फसलो को लेने के लिये सक्षम हो।
पूर्वापेक्षाएॅ : कृषि विकास में गहन दिलचस्पी रखता हो। हितग्राही चयन के मापदण्ड

बीज वितरण एवं बीज प्रगुणीकरण:
1. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ऐसे हितग्राही कृषकों का चयन करेगें जो कार्यक्रम में निर्धारित फसल का बीज लेना चाहते है तथा उन्न्त प्रोद्योगिकी अपनाने के लिए सहमत हो
2. पूर्व वर्ष में उसी फसल/किस्म के हितग्राही कृषकों के चयन के स्थान पर नये कृषकों को सम्मिलित करने को प्राथमिकता दी जावें।
3. कृषकों के चयन में यह ध्यान रखा जावे कि अधिक से अधिक कृषक इस घटक से लाभान्वित हो। 4. कृषकों के चयन में अनुसूचित जाति/जनजाति/लघु एवं सीमांत तथा महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जावें।
अनुदान/सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया:
आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन करने के उपरान्त ग्राम सभा एवं जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति से अनुमोदन पश्चात योजना के तकनीकी मापण्डों का पालन करने पर केन्द्र शासन से निर्धारित अनुदान दिया जाता है ।
पात्रता निश्चित करने के लिये मापदण्ड:
बजट प्रावधान के अंतर्गत लाभार्थी को लिखित आवेदन होना एवं लाभार्थी का नाम, ग्राम सभा एवं जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति से अनुमोदन होना ।

आइसोपॉम योजना के अंतर्गत विभिन्न घटकों के क्रियान्वयन हेतु हितग्राही के चयन के मापदण्ड-
आइसोपाम योजना (व्यावसायिक फसलें):
1. हितग्राही का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा।
2. चयनित हितग्राही की सूची 4 प्रतियों में तैयार की जावेगी।
3. चार प्रतियों में से एक प्रति क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को भेजी जावेगी।
4. तीसरी प्रति जिला पंचायत कार्यालय को भेजी जावेगी। तथा शेष प्रति ग्राम पंचायत अपने पास रखेगी।
5. ग्राम सभा द्वारा चयनित हितग्राही की सूची में परिवर्तन का अधिकार किसी भी अन्य पंचायत को नही होगा।
6. सूची में लक्ष्य से डेढ़ गुणा अधिक हितग्राही चयनित किये जावेगें।

तिलहन उत्पादन कार्यक्रम एवं एकीकृत मक्का विकास कार्यक्रम(आइसोपॉम):
1. लघु सीमान्त/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को प्राथमिकता दी जावे।
2. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी लक्ष्य से डेढ गुना हितग्राहीयों की सूची तैयार करेगें।
3. पूर्व वर्षो में लाभान्वित कृषकों के नाम सूची में शामिल न किये जावें।
4. वरियता सूची में अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु कृषकों के नाम सबसे उपर रहेगें तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को सूची प्रेषित करेगें।
5. वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी प्राप्त सूची का अनुमोदन जनपत पंचायत की स्थाई समिति से लेगें। अनुमोदित सूची में पहले लिखे नामों को वरियता दी जावें। शेष कृषक प्रतिक्षा सूची में रहेगें।
6. प्रतिक्षा सूची फसल मौसम की अवधि तक ही मान्य होगी।
7. वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, जनपत पंचायत से अनुमोदित सूची अनुसार कार्यक्रम का क्रियान्वयन करेंगे तथा सूची उपसंचालक कृषि को सूचनार्थ प्रेषित करेगें।

बीज मिनिकीट:
1. लघु समांत, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जावेगी।
2. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी लक्ष्य से डेढ़ गुना हितग्राहियों की सूची ग्राम सभा की कृषि स्थायी समिति की सहमति से तैयार करेगें।
3. पूर्व वर्षो में लाभान्वित कृषकों के नाम सूची में शामिल न किये जावे।
4. वरियता सूची में अनुसूचित जाति/जनजाति एवं लघु सीमांत कृषकों के नाम सबके उपर रहेगें। 5. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ग्राम सभा की कृषि स्थायी समिति से सूची अनुमोदित कराकर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को प्रस्तुत करेगें।
6. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ग्राम सभा की कृषि स्थायी समिति से अनुमोदन कराकर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को प्रस्तुत करेगें।
7. वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी प्राप्त सूची का अनुमोदन जनपत पंचायत की कृषि स्थायी समिति से लेगें। अनुमोदित सूची में पहले लिखे नामों को वरियता दी जावे। शेष कृषक प्रतिक्षा सूची में रहेगें।
8. वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अनुमोदित सूची अनुसार कार्यक्रम संपादित करेगें।
9. ग्राम सभा से अनुमोदित सूची वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा उपसचांलक कृषि को अग्रेषित की जावेगी। उपसंचालक कृषि सूची का अनुमोदन जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति से लेगें।
10. प्रतिक्षा सूची तब तक मान्य रहेगी जब तक नई सूची का अनुमोदन ग्राम सभा द्वारा नहीं किया जाता।

बीज वितरण एवं बीज प्रगुणीकरण:
1. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ऐसे हितग्राही कृषकों का चयन करेगें जो कार्यक्रम में निर्धारित फसल का बीज लेना चाहते है तथा उन्न्त प्रोद्योगिकी अपनाने के लिए सहमत हो।
2. पूर्व वर्ष में उसी फसल#किस्म के हितग्राही कृषकों के चयन के साथ ही नये कृषकों को सम्मिलित करने को प्राथमिकता दी जावें।
3. कृषकों के चयन में यह ध्यान रखा जावे कि अधिक से अधिक कृषक इस घटक से लाभान्वित हो।
4. कृषकों के चयन में अनुसूचित जाति/जनजाति /लघु एवं सीमांत तथा महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जावें।

पौध संरक्षण:
1. हितग्राही का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जायेगा। चयनित हितग्राही की सूची 4 प्रतियों में तैयार की जावेगी।
2. चार प्रतियों में से एक प्रति क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को भेजी जावेगी।
3. दूसरी प्रति प्रदायक संस्था को दी जावेगी।
4. तीसरी प्रति जिला पंचायत कार्यालय को भेजी जावेगी। तथा शेष प्रति ग्राम पंचायत अपने पास रखेगी।
5. ग्राम सभा द्वारा चयनित हितग्राही की सूची में परिवर्तन का अधिकार किसी भी अन्य पंचायत को नही होगा। 6. सूची में लक्ष्य से डेढ़ गुणा अधिक हितग्राही चयनित किये जावेगें।

Source: http://pib.nic.in/



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