Agriculture News, jobs

Krishi News

‘‘भारत में मिठास क्रांति के सौ 100 वर्ष: प्रजाति 205 से प्रजाति 0238 तक”कार्यक्रम

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने पूसा, नई दिल्ली में भा.कृ.अनु.प.-गन्ना प्रजनन संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र करनाल द्वारा आयोजित ‘‘भारत में मिठास क्रांति के सौ 100 वर्ष: प्रजाति 205 से प्रजाति 0238 तक”(गन्ने की विभिन्न प्रजातियां) और “न्यू इंडिया मंथन संकल्प से सिद्धि” कार्यक्रम में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वानस्पतिक (बोटनिस्ट) सर डा. वेंकटरमण के सहयोग से देश की पहली अन्तरजातीय संकर प्रजाति (सेकेरम ऑफसिनेरम व सेकेरम स्पोंटेनियम का क्रॉस) “प्रजाति 205” उपोष्ण जलवायु हेतु विकसित की, जिसे वाणिज्यिक खेती के लिए 1918 में जारी किया गया। इस हाइब्रिड के कारण उत्तर भारत में गन्ना उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई व इसने प्रचलित सेकेरम बारबरी और सेकेरम साईंनैन्सिस जैसी गन्ने की प्रजातियों को मात दी।

श्री राधा मोहन सिंह ने जानकारी दी कि प्रजाति 205 के बाद गन्ना प्रजनन संस्थान ने उपोषण जलवायु के लिये कई महत्वपूर्ण “गन्ना किस्मो” को विकसित की, जिनका वर्चस्व काफी समय तक रहा। इसके बाद गन्ना प्रजनन संस्थान ने उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु के लिये “पहली अदभुत गन्ना किस्म प्रजाति 312” वर्ष 1928 में विकसित की तथा उष्ण कटिबंधीय जलवायु के लिये “पहली अदभुत गन्ना किस्म प्रजाति 419” वर्ष 1933 में विकसित की।

पिछले तीन वर्षों से सरकार गन्ना प्रजनन संस्थान क्षेत्रीय केन्द्र, करनाल में विकसित प्रजाति 0238 के पूरे उत्तर भारत में विस्तार के बाद, इस क्षेत्र के हर राज्य में गन्ने की पैदावार तथा चीनी रिकवरी में सार्थक वृद्धि देखने को मिली है। पिछले सीजन में प्रजाति 0238 की उत्तर प्रदेश में 36 प्रतिशत, पजांब में 63 प्रतिशत, हरियाणा में 39 प्रतिशत, उत्तराखण्ड में 17 प्रतिशत व बिहार में 16 प्रतिशत गन्ना क्षेत्रफल में खेती की गई।

प्रजाति 0238 तथा प्रजाति 0118 पूरे उत्तर भारत की चीनी मिलों की पहली पंसद बन चुकी है। प्रजाति 0238 से गन्ना किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर रहै हैं व चीनी मिलें अधिक चीनी प्राप्त कर रहीं हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री जी ने यह भी कहा कि गन्ना किसान अंतर फसलन में गन्ने के साथ तिलहन, दलहन, आलू आदि कि भी नई तकनीक अपना कर अपनी आय बढ़ाये।

Source: http://pib.nic.in/



Copyright © 2017 · All Rights Reserved · IndiaAgroNet.Com